Computer networking,Types of networking ,Ip address ,ports
Hello दोस्तो कैसे है आप सब लोग हिंदी बाज आपके लिए लेकर आए है Ethical hacking course hindi me ,हमारे 2nd chapter में आपका स्वागत है दोस्तो। आज हम आपको What is Computer networking,Types of networking ,Ip address ,ports -Complete Concept बताने जा रहे है।
दोस्तो आज हम 5 चीज सीखने वाले है जिसे हम नीचे mention कर रहे है ।
- What is computer Networking
- How it works
- What are the types of network
- What is ip address and there types
- Role of ports in Networking
What is Networking (Networking क्या है ?)
Computer Networking क्या है? इसे हम points के साथ समझते है। जैसे communication क्या है ? जब दो device एक दूसरे से बात करती है यानि 2 computer किसी source के माध्यम से बात करते है तो वो computer networking कहलाता है। इसको हम points के द्वारा अच्छे से समझते है।
- Communication
- Sharing Software
- Sharing File
- Sharing Information
- Information Preservation
- Security
- Sharing Hardware
- Sharing Date
Communication क्या होता है ?
जब दो devices आपस में किसी source के द्वारा बात करती है उसे communication कहते है और जब दो computer आपस में किसी source के द्वारा communicate करती उसे computer networking कहते है?
Sharing Software क्या है ?
हम क्या-क्या share कर सकते है computer Networking पर file share कर सकते, information share कर सकते है। software को share कर सकते है।
Sharing File और Sharing Information क्या है ?
इसमें भी जब computer किसी दूसरे computer को कोई file या information share करता है उसी sharing को किसी source के द्वारा किया जाता वह computer networking कहलाता है।
Information Preservation क्या है ?
जब हम किसी file, information ,software को कही share करते है तो वो किसी न किसी system पर store होती है। और कोई भी फाइल समय के साथ ख़राब होती उसे usable रखना और store करना ही information preservation कहलाता है।
Security क्या है ?
जब दो system एक दूसरे से communicate करते है तो वो किसी न किसी प्रोटोकाल के जरिए करते जैसे TCP(transmission control protocol) ,ICMP ,IGMP ,VPN STP,UTP ये सब किसी भी प्रोटोकाल के जरिए कर रहे तो वह प्रोटोकाल ये ध्यान रखता है की जो उनका data है वह Securely transfer हो ओर Securely stored भी हो तो Computer Networking में हमे Security भी provide होती है। sharing of hardware तो हो ही रहा है ओर Sharing Of Data भी हो रहा है । Computer Networking में हमे सारी चीजे मिलती है ।
एक बार फिर समझते है की Computer Networking क्या है ?
दो System या computer के बीच के communication को Computer Networking कहते है इनमे rules of regulation सारे process follow होने को Computer Networking कहते है।
How It Works?ये काम कैसे करता है?
Networking काम कैसे करती है ये बहुत important topics है आप इसे अच्छे से समझे। जब हम Network Scanning करेंगे तो हमे Networking को समझना जरूरी है।पहेली NTT जो हमे समझनी है.
ISP (Internet Service provider) क्या होती है।
ISP (internet service provider ) एक ऐसी कंपनी है जो internet provide करती है ।जैसे Jio ,Airtel , BSNL,Vodafone ,ओर जितने भी Others Network है जो हमे internet provide कर रहे है उन्हें ISP कहा जाता है।आप लोग अपने घर मे किसी न किसी ISP का use कर रहे है होंगे आपके घर मे Airtel ,Jio ,या BSNL का broadband होगा या फिर किसी Other Service का वैसे
ISP करता क्या है ?
basically ISP एक internet service provider है जो एक broadband को internet provide करता है । और ब्रॉडबैंड basically हम लोग को internet प्रोवाइड करता है ,जितने भी system internet से connected होते उनको वो internet किसी broadband से जा रहा होता है ।
IP Address क्या होता है ?
IP एक address होता है इसको internet protocol address कहते है,और ये address कब प्राप्त होता है. जब किसी System में internet service provide हो जाती है.तब उसे एक IP address allot हो जाता है। जोकि उसका WIDE area Network या Local Area Network में उसका address होता है। और ये address तभी उसको मिलेगा जब उसके पास internet आएगा।
Example : किसी ISP ने broadband को internet दिया उसी वक़्त broadband को एक IP address allot हो गया जो इसकी public IP-82.10.250.19 है ये ip इसको कब दी गयी जब इसको internet provide किया गया। लेकिन इसके पास एक private ip भी है IP -192.168.0.1 जोकि पहले से थी इसके पास but अब ये काम कैसे करेगा।
Public IP address और Private IP address क्या है ?
अब हमारे पास internet आगया है और एक public Ip भी अब इस broadband से कुछ system connect हुए है wired हो या wireless system connect हो तो इन सारे system को basically ये internet provide कर रहा है और net के साथ साथ अब एक IP भी allot होगी और ये IP किस basis पर होगी जो broadband की default IP:192.168.0.1 है. यानि private है. जो भी system को IP allot होगी वो 0.1 के बाद की होगी तो ऐसे ही हमारा default gateway काम करता है। हमारे system की जो पहेली ip होती है वो default gateway होता है उसके बाद की ip सारी router assign करता है हर system को।
यहाँ पर कुछ System दिखाए गए है जिनकी IP अलग अलग लेकिन इनको एक ही router ने assing की है। और सारे system की जो IP आपको image में दिख रही है वो private ip है इनका wide area network यानि internet पर इनका कोई अस्तित्व नहीं है। उसे private IP address कहते है।
Public IP और Private IP कैसे काम करती है ?
मान लेते एक system पर google access किया गया या internet पे google search किया गया है तब वह system एक packets generate करेगा और generate होकर वह router के पास आएगा फिर हमारा router इस packet को internet पर forward करेगा अब Source IP और destination IP काम करेगा तो चलिए पहले इसे है जान लेते है।
- Source IP – जिस system से packet Genrate होकर जा रहा है उसे source IP कहते है।
- Destination IP – जिस system को packet receive हो रहा है उसे destination IP कहते है।
जब router ने packet को internet पर forwarder किया तो source IP थी router की और ये packet सीधा जायेगा google के server में तो destination IP है Google की और google server दो ही response देगा या तो आप access कर सकते है या नहीं दोनों ही case में google एक reply देगा उस reply को response कहते है जैसे ही वह response करेगा तो वह router की IP पर आएगा router एक और अच्छा काम करता है ARP Generate करता है। इसके बारे में नीचे जानेंगे।
ARP Generate क्या होता है ?
Router हर कुछ second में ARP Generate करता है ? ARP क्या होता है और इसका क्या काम है ,ARP (Address Resolution Protocol ) कहते है और यह ये confirm करती है की इसके पास कितने system connected है और उन सारे system की IP क्या है।
Example : जिस भी system से packet Generate हुआ है ARP उस system की IP को पूछती है की WHO Is 192.168.0.102 अब ARP सारे system को request भेजता है की ये IP कौन है फिर वो system reply देता है की IP 192.168.0.102 में हूँ। तब जो google से आये response को router उस IP address को भेजता है.ऐसे ही हमारी networking काम करती है।
Types OF Network in Networking ?
Networking में कितने types के network होते इसमें 3 types के Network होते है ? कौन कौन से होते वो हम नीचे जांयेंगे।
- LAN (Local Area Network)
- MAN (Metropolitan Area Network)
- WAN (Wide Area Network)
What is LAN (LAN क्या होता है ?)
एक local area network में जो भी information sharing हो रही है उसको हम LAN कहेंगे जैसी मान लीजिए आपके घर में एक Router लगा है और उस Router से आपका desktop ,आपका mobile ,आपके घर का TV और आपके पडोशी का laptop connected है तो ये एक Local Area Network कहलाता है।
What is MAN (MAN क्या होता है ?)
MAN क्या होता है ,MAN का Full Form है Metropolitan Area Network ये local Area Network से बड़े Stage पर share होता है,तो उसे हम MAN कहते है। मान लिजी हम कोई router ,broadband ,या कोई और service ले रहे और वही service आस पास के घरो और कंपनियों को भी दी जा रही है ? जैसे एक area के घरो में और कंपनियों के sever में।
What is WAN (WAN क्या होता है ?)
WAN (Wide Area Network )क्या होता है हम सब wide area network में जुड़े हुए है ,wide area Network है internet जो बहुत बड़े Stage पर होता है,हमारा जो ISP है allover country में internet provide करा रहा है तो ये Wide Area Network है। www भी Wide Area Network है।
What is IP Address ? IP Full Form क्या है ?
Ip एक address होता है जैसा की हम आपको ऊपर बता चुके IP का full form है Internet Protocol Address. लेकिन अब हम जानेगे IPv4 क्या है ?
IPv4 क्या है ?
Ip एक address होता है इसको internet protocol address भी कहते है ये IPv4 एक 4 pair के digits होते है जैसा आपको इमेज में देखने को मिलेगा। यहाँ पर हर pairs के पास 8 Bits होती यानि 1 byte तो total bits हो जायेगी हमारे पास 32 bits = 4 bytes के बराबर होगी तो कहने मतलब है एक IP 4 bytes की होती है
IP के बारे हम कुछ चीजे समझते है ये जो IP के Slot है ये ऐसे ही नहीं दिए इनसे हमें बहुत सारी information मिलती है चलिए इसको समझते है। ऊपर जो IP Address दिया गया 17.172.224.47 उसका पहला Slot- 17. हमें क्या information देता ये pair हमें बताता है की ये IP 17 . किस country से है india से है या किसी other country से।
- First Slot – 17 . Country information
- Second Slot -172 . State information
- Third Slot -224 ISP(internet service provider) कौन है
- Fourth Slot – 47. Device कोनसा है
IPv4 Vs IPv6 में क्या अंतर है ?
IPv4 जैसा कि आप ऊपर जान चुके है तो अब IPv6 को जानते है ये IPv4 का ही updated version है IPv4 32 bits का होता है और इसमें 4.7billion IP allot की जा सकती है। वही IPv6 में 128 bits की होती है और इसमें 340 trillion trillion trillion IP allot की जा सकती है। इमेज में हम ओर deference देखेंगे।
IP कितने प्रकार की होती है ?
Ip 4 तरह की होती है जिनके बार मे हैम जानेंगे
- Public IP
- Private IP
- Statics IP
- Dynamics IP
PUBLIC IP क्या होती है ?
Public ip वह IP होती है जो allover world दिखयी जाएगी या जिसे allover world देखा जा सकता इसको हम कुछ Example से समझते है।
Example 1 : जब कोई ISP (Internet Service Provider )किसी router को इंटरनेट देता है तो एक public ip भी provide करता है जो internet पर show होगी,router से कितने system connected उनकी IP कभी internet पर नहीं जाएगी क्यूंकि वह private ip है यानि local area network में ,ip किसकी जाएगी router की।
Example 2 : आपके mobile में जो SIM है उसमे internet acess करने पर एक IP show होगी अगर आप hotspot के जरिये अपना internet share कर रहे कुछ mobile को तो internet पर आपकी IP जाएगी क्यूंकि आपकी IP public IP है जो आपके hotspot से connected है वह local area network में आते है इसलिए उनकी ip private ip है वो internet पर नई show होगी। public IP क्या होती है ये आप समज गए होंगे।
PRIVATE IP क्या होती है ?
Private ip किसे कहते है private ip एक local area में जानी जाती है जैसे एक router से जितने system जुड़े है उनकी ip उस router तक ही सीमित रहती है उसे ही private IP कहते है। कभी भी private ip बहार नहीं जाएगी internet पर public ip ही जाएगी।
STATIC IP क्या होती है ?
Static ip क्या होती है ये वह ip होती है जो एक बार जिसको allot करदी जाती है फिर वह change नहीं होती है यानि अगर आज system की IP -192.168.0.1 है तो ये fix रहेगी। static IP क्या use आती है जब हम कोई website host करते है तो IP को एक name दिया जाता जिसे Domain Name कहते है और Domain हमेसा fix होता क्यूंकि आपकी वेबसाइट पर जब traffics आएगा तो domain पर आएगा अगर बार बार domain change होगा तो आपकी website का adress ढूंढना user के लिए मुश्किल होगा।example से समझते है।
Example : अगर आपके घर का adress रोज रोज change होगा तो कोई भी आपके घर नहीं पायेगा तो हमेसा घर का address fix होता जिसे आसानी से आज ,कल या एक साल बाद भी ढूंढा जा सके .
DYNAMIC IP क्या होती है ?
Dynamic ip क्या होती है वह ip जो लगातार change होती रहती है जैसे अगर अपने अपना phone switch off किया और open किया तो उस case में आपकी ip change हो जाएगी उसे dynamic ip कहते है.dynamic ip सबको assing हो सके इसलिए change होती रहती है। अगर कोई system बंद पढ़ा है तो उसे ip assing करना बेकार है क्यूंकि Ipv4 में पहले ही ip की कमी थी लेकिन ipv6 में कमी नहीं है।
Role Of Port In Networking.
Port का क्या role है networking में इसको समझने के लिए हम कुछ चीजे जानते है ,जब दो system आपस में communication करते है But ये जिस भी protocol का use करे TCP के जरिये या UTP के इनमे कुछ rules होते है जो इन्हे follow करने होते है जोकि port decide करता है की जो information share की जा रही है वह किस रस्ते से की जा रही है ,
Example1 : मान लीजिए मुझे एक वेबसाइट access करना है और उस वेबसाइट तक पहुंचने के लिए बहुत सारे रस्ते है ,मान लीजिए 5 रस्ते जिनको हम गली नंबर दे देते है Gali no 1 ,G2,G3,G4,G5 तो ये 5 गलिया है जहा से हम वेबसाइट को access कर सकते है ,जब हम वेबसाइट को request करेंगे तो हमें response मिलेगा अब जो request मेने की वो गली no 4 (G4) पर की है तो response भी G4 पर ही मिलेगा। यानि जिस port पर मेने request की उसी port पर response आएगा।
Total Ports – total port कितनी है total ports 65536 ports है।
States Open Closed Filtered
ports के अंदर कुछ states होती है या तो वो open होती है या closed होती या फिर filter दिखती है। जैसे कि मान लो कि आपका एक घर है या तो आपका दरवाजा open होगा कि कोई भी अंदर आ सकता है या फिर बंद होगा कोई बिना key के अंदर नई आ सकता । तो ये होती है ports की कुछ states.
Well Known Ports
well known ports क्या होता है यानी 0 से लेकर 1023 तक जो पोर्ट्स होती है वह well known ports होती है। इसमे पता होता है कि ये ports को यूज़ कर रहा होगा।
Registered Ports
रजिस्टर्ड पोर्ट क्या होती है ये पोर्ट्स 1024 से लेकर 49151 तक होती है इनको registered ports कहा जाता है यानी वो जो ports है किसी न किसी system के लिए registered है या किसी न किसी service के लिए registered है। उनपे केवल वही काम करेंगे।
Dynamic Ports
dynamic पोर्ट्स 49152 से लेकर 65535 तक जितनी भी ports होती है dynamics ports होती है।ये basically किसी को भी allot की जा सकती किसी भी यूज़ में आ सकती है इनको dynamics ports कहा जाता है ।
Ports service Run
Next जो हमने देखा कि हर service किसी न किसी ports पर Run करती है तो नीचे हम कुछ by default service ओर port के नाम दे रहे आप उसे समझे ।
PORT NUMBER | PROTOCOL | APPLICATION |
20 | TCP | FTP DATA |
21 | TCP | FTP CONTROL |
22 | TCP | SSH |
23 | TCP | TELNET |
25 | TCP | SMTP |
53 | UDP ,TCP | DNS |
67,68 | UDP | DHCP |
69 | UDP | TFTP |
80 | TCP | HTTP |
110 | TCP | POP3 |
161 | UDP | SN MP |
443 | TCP | SSL |
अब जैसा कि आप टेबल में देख रहे है कि port no 20 TCP protocol के जरिये communicate कर रही है तो जो भी communication होगा या तो TCP होगा या UDP या फिर Wide Area Network में होगा लेकिन सर्विस क्या है FTP data है ,यानी FTP Data की सर्विस यूज़ कर रही है port नंबर 20। ऐसे ही जो हैम वेबसाइट चलते है यानी HTTP service वो port नंबर 80 को पर चलती है। ओर https जैसे ही एक वेबसाइट में SSL certificate add होता है तो वो http से https हो जाता है और https service port नंबर 443 पर चलती है.
- Chapter-01
- Chapter-02
- Chapter-03
- Chapter-04
Conclusion
आशा करता हो आज आपको chapter -2 में कुछ नया सीखने को मिला होगा। हमने आपको इसमें बतया है What is networking ,Types of networking ,Ip address ,ports – Complete Concept दिया है अगर आप हमारे साथ बने रहना चाहते है तो हमारे ब्लॉग को email के द्वारा सब्सक्राइब करे या नोटिफिकेशन को allow करदे। मिलते है chapter -3 में