सुभद्रा कुमारी चौहान कोन है | Who is Subhdra Kumari Chahuan

सुभद्रा कुमारी चौहान कोन है ?

खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी… यह कविता तो आपने जरूर कहीं ना कहीं सुनी होगी । हम बात कर रहे हैं सुभद्रा कुमारी चौहान की जो इस कविता की लेखक हैं। सुभद्रा कुमारी चौहान एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और लेखिका हैं।

सुभद्रा कुमारी चौहान का जन्म 16 अगस्त 1904 में उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद के पास निहालपुर गांव में हुआ था। देश की आजादी में इनका भी योगदान रहा अपनी कविताओं के जरिए इन्होंने सेना संग्रामीयों के दिलों में कविता के जरिए जोश की ज्वाला भर दी।

Subhdra Kumari Chahuan ने हिंदी कविताओं में अपना योगदान दिया उन्होंने अपनी पहली कविता सिर्फ 9 साल की उम्र में ही प्रकाशित कर दी उनकी हिंदी की कविता “झांसी की रानी” बहुत मशहूर हुई।

जन्म 16 अगस्त 1904
जन्म स्थान इलाहाबाद, आगरा और अवध के संयुक्त प्रांत, ब्रिटिश भारत
पेशा कवि
भाषा हिंदी 
राष्ट्रीयता भारती 
अवधि 1904–1948
शैली कविता
विषय हिंदी 
पति ठाकुर लक्ष्मण सिंह चौहान
संतान 5 संतान 
मृत्यु 
15 फरवरी 1948 (आयु ४३)
सिवनी, मध्य प्रांत और बरार, डोमिनियन ऑफ इंडिया

Education (शिक्षा प्राप्ति )

जैसा कि हमने जाना कि सुभद्रा चौहान उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद जिले के निहालपुर गांव में रहने वाली थी इसलिए उन्होंने अपनी बेसिक शिक्षा क्रोस्थवेट गर्ल्स स्कूल में पढ़ाई की और 1919 में मीडिया स्कूल की परीक्षा पास की।

Family (परिवार )

सुभद्रा कुमारी चौहान सन 1919 में खंडवा के ठाकुर लक्ष्मण सिंह चौहान से शादी कर ली लेकिन महज वह  उस समय 16 वर्ष की थी। जिनसे उनके 5 बच्चे थे। उसी वर्ष खंडवा के ठाकुर लक्ष्मण सिंह चौहान के साथ विवाह के बाद वह मध्य प्रांत के जबलपुर (पहले -जुबुलपुर ) चली गई.

पहले आंदोलन में शामिल

सन 1921 में Subhdra Kumari Chahuan और उनके पति महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन में शामिल हुए। आंदोलन में शामिल होने के कारण ब्रिटिश पुलिस ने उनको नागपुर में गिरफ्तार कर लिया और गिरफ्तार होने वाली पहली महिला सत्यग्रही थी। सन 1923 और सन 1942 में ब्रिटिश शासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों में शामिल होने के कारण उन्हें दो बार जेल भी भेजा गया।

लेखन कैरियर (writing Career )

सुभद्रा कुमारी चौहान ने हिंदी में कई लोकप्रिय रचनाएं लिखी थी। उनकी सबसे प्रसिद्ध रचना झांसी की रानी है। जो रानी लक्ष्मी बाई के जीवन को विस्तार से व्यक्त करने वाली भावनात्मक रूप से एक इमोशनली कविताएं हैं। हिंदी साहित्य में सबसे अधिक बार पढ़ी और। इस कविताओं में भारत के स्कूलों में पढ़ाया जाता है और इस कविता को आप कई बॉलीवुड फिल्मों में भी इसकी झलक देखने को मिल सकती है।

झांसी की रानी इस कविता में ब्रिटिश भारत के जीवन और 1857 की क्रांति के बारे में भावनात्मक रूप से बताया गया है। प्रत्येक छंद के अंत में दोहराया गया एक दोहा इस प्रकार पढ़ते चलिए एक बार इस दोहे पर नजर डालते हैं।

subhdra kumari chahuan poem
subhdra kumari chahuan poem

कविताएं की लिस्ट

  • खिलोनेवाला
  • त्रिधारा
  • मुकुल
  • यह कदंब का पेड़
  • सीधे सादे चित्र (1946)
  • मेरा नया बचपन (1946)
  • बिखरे मोती (1932)
  • झांसी की रानी 
  • वीरों का कैसा हो बसंत

भाषा और कविता

सुभद्रा कुमारी चौहान ने खड़ी बोली में सरल भाषा, स्पष्ट शैली में लिखा। उन्होंने वीरों के लिए कविताओं के अलावा बच्चों के लिए भी कविताएं लिखी।कुछ मध्य वर्ग के लिए भी लघु कथाएं लिखी।

उनके नाम कुछ हिस्टोरिकल विरासत 

  • 6 अगस्त 1976 को, भारतीय डाक ने उनकी स्मृति में एक डाक टिकट जारी किया।
  • मध्य प्रदेश सरकार ने जबलपुर के नगर निगम कार्यालय के सामने सुभद्रा कुमारी चौहान की प्रतिमा लगाई.
  • ICGS सुभद्रा कुमारी चौहान,एक भारतीय तटरक्षक जहाज, कवि के लिए नामित किया गया था.
  • 16 अगस्त 2021 को, सर्च इंजन गूगल ने सुभद्रा कुमारी को उनकी 117वीं जयंती पर एक डूडल बनाकर याद किया।

Google ने Doodle बनाकर किया याद 

16 अगस्त 2021 को गूगल ने एक डूडल बनाकर सुभद्रा कुमारी चौहान को कुछ इस तरह याद किया।गूगल ने अपने डूडल पर एक खूबसूरत इमेज बनाकर लगाई इसमें कलम और कागज के साथ नजर आ रही है। और इस इमेज को त्यार किया है न्यूजीलैंड की गेस्ट आर्टिस्ट प्रभा माल्या ने.

सुभद्रा कुमारी चौहान कोन है
सुभद्रा कुमारी चौहान कोन है


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