100+ short stories Hindi with Moral For Kids (2024)

Short Stories In Hindi

short stories hindi| short stories with moral for kids | बच्चों के लिए कहानियाँ | कहानियों से सीखे और सिखाएं अच्छी बातें।

हिंदी शॉर्ट स्टोरी में आपका स्वागत है आज हम आपको आपके बचपन की याद दिलाने वाले है क्योंकि आपको हमारा article short stories in hindi पढ़ कर मज़ा आने वाला है।कहानियां तो सिर्फ बच्चों के लिए होती है लेकिन कभी कभी बड़े बड़े सेमिनार में भी हम कहानियों के माध्यम से समझाते है।

एक टाइम था जब हम अपने घरों में अपने माँ बाप या दादा दादी से रात के वक़्त कहानियाँ सुनते थे वो भी क्या दिन थे लेकिन आजकल हम अपने बच्चों को कहानियाँ नही सुनाते बल्कि उनको मोबाइल दे देते है और youtube पर वे छोटी छोटी कहानियाँ video के माध्यम से देखते है। इससे उनके आंखों की रोशनी पे फर्क पड़ता है। 

इसलिए हम आपके लिए कहानियाँ लेकर आये है जो आप अपने बच्चों को पढ़ कर सुना सके या खुद पढ़ाये। आप कहानियों का प्रिंट आउट निकाल कर पढ़ने के लिए दे सकते है।

short stories hindi with moral for kids (2022)

बच्चों को short stories बताने के लिए ही मेने ये लेख लिखने का फैसला किया ताकि वह अपने पसंद की short story in hindi पढ़े और इन motivational Inspirational Stories in hindi से कुछ सीखा जाए। ये stories सभी आयवर्ग पढ़े लेकिन खास तौर पर बच्चों के लिए लिखा जा रहा है।

1 . लालची लोमड़ी की कहानी :Short hindi Story with Moral

गर्मियों के दिन थे जंगल मे एक लोमड़ी बहुत भूखी थी और भूख के कारण वह खाने की तलाश में इधर उधर घूम रही थी ,कुछ देर खोजने के बाद उसे एक खरगोश मिला लेकिन लोमड़ी ने उसे खाने के बजाय उसे छोड़ दिया क्योंकि वह बहुत छोटा था और लोमड़ी का इससे कुछ अलाभला नही होने वाला।

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फिर कुछ देर खोजने के बाद लोमड़ी को रास्ते मे एक हिरण मिली, हिरण देख उसके मुंह मे पानी आ गया और उसने हिरण को पकड़ने के लिए दौड़ लगा दी अपनी पूरी ताकत और रफ्तार के साथ पीछा किया लेकिन वह हिरण को पकड़ नही सका चूँकि वह पहेले से खाने की तलाश में थक चुकी थी।

जब उसे कुछ खाने को नही मिला तब उसने उसी खरगोश को खाने के लिए सोच जो उसने छोटा समझ कर छोड़ा था। फिर लोमड़ी उसी रास्ते वापस उस खरगोश की तलाश में गयी लेकिन इस बार वहाँ पर ख़रगोश नही था वह जा चुका था। और फिर लोमड़ी को थक हारकर घर वापस लौटना पड़ा कई दिनों तक उसे खान नई मिला।

हमे क्या सीख मिली

इस लालची लोमड़ी से हमे ये सबक मिलता है कि ज्यादा लालच करना कभी भी फलदायक नहीं होता।

2 . शेर और चूहें की कहानी :Short Moral Story for kids in hindi

एक जंगल मे एक शेर और एक चूहा रहा करते थे एक बार की बात है जब जंगल का किंग शेर सो रहा था और चूहे ने शेर पर उछल कूद करना चालू करदिया बस अपनी मज़े के लिए ,इससे शेर की नींद खराब हो गयी और वह उठ गया साथ मे गुस्सा भी हो गया।

शेर जैसे ही चूहे को खाने के लिए उठा तो चूहे ने शेर से विनती की तुम मुजे मत खाओ अगर तुम्हें कभी मदद की जरूरत पड़ेगी तो में तुम्हारी मदद को आऊंगा। ये बात सुनकर शेर हँसने लगा और उसे जाने दिया।

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कुछ दिन बाद जंगल मे शिकारी आये उन्हें शिकार करने था शिकारियों ने जाल बिछाए जिसमे शेर फंस गया फ़ी शेर को एक पेड़ से बांध दिया गया ,ऐसे में शेर ने खुद को छुड़ाने के बहुत साहस और कोशिस की लेकिन खुद नही छुड़ा सका। शेर ज़ोर ज़ोर से दहाड़ने लगा।

वहीँ पास में एक एक पत्थर की छोटी सी गुफा में चूहें का घर था शेर की दहाड़ चूहें तक गयी तो चूहें को आभास हुआ कि शेर तकलीफ में है और मुजे फौरन देखना चाहिए।

चूहें के फौरन पहुचने पर उसने शेर को जाल में फंसा देख तुरंत चूहे ने जाल काटना चालू किया और शेर कुछ ही देर में आजाद हो गया। शेर ने चूहें को धन्यवाद दीया और दोनों जांगले में एक दूसरे के साथ चले गए।

हमे क्या सीख मिली

इस कहानी से हमे ये सीख मिलती है कि हमे अपने से छोटो को कमजोर नही समझना चाहिए न ही उनका मजाक उड़ाना।

3 . एक बूढ़े आदमी की कहानी : Motivational Short Story in hindi

गाँव मे एक बूढ़ा आदमी रहता था उसको दुनिया के सबसे बड़किस्मतों में माना जाता था , सारा गाँव उसके अजीबोग़रीब हरकतों से परेशान था। पूरा गाँव उस बूढ़े से थक चुका था।

क्योंकि वह हमेशा नाराज रहता था ,उदास और शिकायते करता रहता हमेशा खराब मूड में रहता था।

जितना अधिक वह जीवित रहता उतना ही वह दुखी होता और उसके शब्द जहर की तरह कड़वे होते ,लोग उससे बात करने से बचते थे क्योंकि उसका दुर्भाग्य संक्रामक हो गया था।

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उससे जो भी मिलता उसका पूरा दिन अशुभ हो जाता , उसके बगल में रहना अस्वाभाविक और अपमानजनक भी था।इतना ज्यादा दुखी होने की वजह से आस पास के लोगो मे दुख की भावना पैदा हो गयी।

लेकिन एक दिन जब वह बूढ़ा आदमी 80 साल का हुआ तो एक अजीब बात हुई ये बात उनलोगों में आग की तरह फैल गयी।

वह बूढ़ा व्यक्ति आज खुश था वह किसी भी चीज़ की शिकायत नहीं कर रहा था। बल्कि वह जिंदगी में पहेली बार मुस्करा रहा था। और यहाँ तक उसका चेहरा भी तरोताज़ा दिखाई दे रहा था।

ये देख कर पूरा गांव उसके घर के सामने इकठ्ठा हो गया और सभी ने बूढ़े आदमी से पूछा की : तुम्हे क्या हुआ है ?

जवाब में बूढ़ा आदमी बोला : कुछ खाश नहीं । अस्सी साल से में खुशी का पीछा कर रहा था और मुझे कभी खुशी नहीं मिली इसकी तलास करना बेकार था । लेकिन अब मेने खुशी के बिना ही जीने का फैसला की इसलिए अब में यही सोच कर खुश हूँ।

हमे क्या सीख मिली

इस कहानी से हमे ये सीख मिलती है कि जीवन मे ख़ुशी के पीछे मत भागों ,जीवन मे आनद के साथ जिंदगी बिताओ खुशी अपने आप मिल जाएगी।

4 . लोमड़ी और अंगूर की कहानी : Inspiration Short Story In hindi

एक बार की बात है एक जंगल मे एक लोमड़ी को बहुत ज़ोर से भूख लगी और उसने पूरा जंगल छान मारा लेकिन उसे खाने को कुछ नहीं मिला , उसने खाने की तलाश बहुत मेहनत से की लेकिन फिर भी उसे ऐसा कुछ नही मिल सका कुछ देर बाद उसको आंखों में अंधेरा छाने लगा भूख के कारण उसके कदम लडख़ड़ा गए और वह जंगल मे पड़ के नीचे ही लेट गया।

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तभी थोड़ी देर बाद आंखे खोलने के बाद उसको ऊपर पेड़ पर बहुत ही रसभरे अंगूर नजर आए ये देख उसके मुँह में फौरन पानी आ गया और झट से उठा और अंगूर खाने के लिए उसने एक ऊंची छलांग लागई लेकिन वह अंगूर मुँह में नही पकड़ सका।

इस तरह से उसने कई बार कोशिस की हर बार एक छलाँग लगाई लेकिन हर बार उसके मुँह वह अंगूर नही आये। क्योंकि अंगूर ज्यादा ही ऊँचे थे। 

अंत मे लोमड़ी ने फैसला किया कि वह अब और कोसिस नही कर सकती अब उसे घर चले जाना चाहिए जब वह अंगूर को छोड़ कर चला गया तो मन ही मन बुदबुदाया की यकीनन अंगूर खट्टे होंगे। 

हमे क्या सीख मिली

इस कहानी से हमे ये सीख मिलती है कि हमे उन चीजों का तिरस्कार नहीं करना चाहिए जो हमारी नहीं है। कुछ भी इतनी आसानी से नहीं मिलता

5 . तोते की गिनती :akbar birbal short Moral Stories in hindi

एक दिन की बात है , अकबर महाराज ने अपनी सभा मे एक अजीब सा सवाल पूछा,जिससे पूरी सभा के लोग काफी हैरान रह गए । सभी लोग उस सवाल का जवाब जानने की बहुत इछुक थे तभी बीरबल सभा मे दाखिल हुए और पूछा मामला क्या है।

उन्होंने सवाल दोहराया वह सवाल ये है – शहर में कितने तोते है।

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बीरबल फौरन मुस्कुराए और अकबर के पास पहुँचे । उन्होंने फिर उत्तर की घोषणा की ; बीरबल का जवाब था – शहर में बीस हजार पाँच सौ तेईस (20523) तोते है ।

सभा और अकबर ये जानना चाहते थे कि ये सवाल का जवाब बीरबल को कैसे पता । तब बीरबल ने उत्तर दिया आपने आदमियों से तोते गिनने के लिए कहें है।

यदि आपके भेजे आदमियों को तोते ज्यादा मिले तो तोते के रिश्तेदार आस पास शहर से मिलने आये होंगे और यदि अगर तोते काम मिलते है तो जरूर अपने शहर से दूसरे शहर अपने रिस्तेदारो से मिलने गए होंगे।

ये जवाब सुनकर राजा को बहुत संतोष मिला और राजा ने बीरबल को माणिक और मोती की जंजीर भेंट की वही उन्होंने बीरबल की बुद्धि की काफी प्रसंशा की।

हमे क्या सीख मिली

इस कहानी से हमे ये सीख मिलती है की आपके उत्तर में सही स्पष्टीकरण होना जरूरी और आपका उत्तर भी उतना ही सही होना चाहिए। अपनी बात को सिद्ध करना ही आपकी बुद्धि की पहचान है

6 . लालची राजकुमारी की कहानी : Motivational Short Moral Stories in Hindi

एक बार एक शहर मे एक राजकुमारी रहती थी। वह बहुत धनी और सुंदर थी । लेकिन इतनी धनी होने के बाद भी उसकी लालच का कोई अंत नही था उसे सोना ,और कीमती वस्तुएं बहुत ज्यादा पसंद थी।

लेकिन ये बात भी बिल्कुल सच थी कि वह अपनी बेटी को इस दौलत से ज्यादा प्यार करती थी। एक दिन उसे एक Golden fairy (गोल्डन परी) नजर आयी जब वह दौड़ कर पारी के पास गयी तो उसने देखा उसके लंबे सुनहरे बाल उस पेड़ में फाश गए ।

उस औरत ने उस गोल्डन परी की मदद करके आज़ाद किया लेकिन उसकी सुंदरता देख उस राजकुमारी के मन मे लालच आ गया कि मदद के बदले में राजकुमारी से अपनी इच्छाओं को पूरा कर सकती हूँ।  परी ने उसके मन की बात जान ली।

उस golden fairy (गोल्डन परी ) ने उसकी इच्छा पूछी तब उस लालची राजकुमारी ने कहा कि में “जो कुछ मैं छूऊं वह सब सोना हो जाए।” परी ने उसकी ये इच्छा पूरी करदी।

राजकुमारी ने अपने घर के बाहर बने भाग को सोने में बदल दिया अब उसका पूरा बाग ,फूल,फवारे, सब सोने के हो गए इस हकीकत को देख वह  बहुत खुश हो गयी अब वह हर जगह हाथ लगते हुए महल में वापस जाने लगी और खुशी से देख कर पागल हो गयी 

तभी उसके सामने उसकी खूबसूरत लड़की आ गयी उसने खुसी की वजह से अपनी लड़की को हाथों से गले लगा लिया लेकिन कुछ ही देर में उसकी लड़की एक सोने की मूर्ति बन चुकी थी। ये देख कर उसको परी का वरदान याद आया और उसको अपनी सबसे बड़ी गलती का भी एहसास हुआ।

वह राजकुमारी काफी ज़ोर से रोने लगी और उस परी को खोजने लगी लेकिन वो परी कही नजर नई आयी। उसका लालच इतना ज्यादा बढ़ चुका था इस बात का एहसास उसे अपनी बेटी को देख कर हुआ।

हमे क्या सीख मिली

इस कहानी से हमे ये सीख मिलती की जरूरत से ज्यादा लालच हमे विनाश की तरफ ले जाता है।लालची होना मूर्खता का काम है।

7 . मूर्ख गधा की कहानी : Simple Short Stories in Hindi

एक गाँव मे नमक बेचने वाला रोज शहर अपने गधे पर नमक बेचने जाता था।वह  नमक के भारी बारे गधे पर लाद देता और गधा उसको शहर ले जाने के लिए नदी पार करता था।

एक बार नमक बेचने वाला गधे पर नमक लाद कर नदी पार कर रहा था तबी गधे का पैर लडख़ड़ा जाता है और गधा नदी में गिर जाता है , अब नमक की सारी बोरी गीली हो चुकी थी जिसमे से काफी नमक पानी मे ही घुल चुका । गधे का वजन अब काफी हल्का हो चुका था ।

अगले दिन गधा नदी पार करते वक़्त फिर गिर जाता है और नमक घुल जाता है वजन हल्का हो जाता है । ऐसा ही गधे ने लगातार 7 दिन तक किया अब गधा रोज इस वजह से खुश था। लेकिन अब गधे के मालिक को उसकी चाल समझ आ चुकी थी तभी उसने गधे को सबक सिखाने की सोच।

इस बार उस गधे पर कॉटन रुई से भरे बोरे लादे गए जोकि बहुत हल्के थे।

गधे को रास्ते मे नदी मिल गयी उसने अपनी वही चाल फिर चली ,लेकिन इस बार जब वह पानी से उठा तो उसका वजन काफी भारी हो चुका था और गधे का सिर चकरा गया कि इस बार हल्का क्यों नही हुआ। गधे ने हल्के वजन को भी हल्का करने के चक्कर मे उसे पानी मे गिला करके सारी रुई भारी करली थी।अब गधे को सबक मिल चुका था उसदिन के बाद गधे ने कोई चाल नही चली।

हमने क्या सीखा

इस कहानी से हमे यही सीख मिलती है कि हर बार भाग्य साथ नही देता बल्कि हमे भी अपनी बुद्धि लगानी होती है। 

8 . जादुई बॉल की कहानी :short stories in hindi for class 1

बहुत दिनों की बात है एक बार एक छोटा सा लड़का श्याम अपने बग़ीचे में खेल रहा था। तभी उसे अपने बगीचे के बरगद के पेड़ के पीछे एक क्रिस्टल बॉल मिली तभी बरगद के पेड़ ने कहा ये एक जादुई क्रिस्टल बॉल है जो तमारी इच्छाओं को पूरा करती है।

यह सुनकर वह बहुत खुश हुआ और उसने काफी देर तक अपनी इच्छाओं पर विचार किया लेकिन उसके दिमाग मे ऐसी कोई चीज नही आई जिसे वह तुरंत माँग सके तो उसने उस क्रिस्टल बॉल को अपने बैग में रख लिया जब तक उसकी इच्छा उसे नहीं पता चलती तबतक वो बॉल को बेग में रखेगा।

ऐसे ही सोचते सोचते उसके काफी दिन निकल गए लेकिन उसको नहीं समझ आ रहा था कि वह क्या मांगे। एक दिन उसका दोस्त राम उसे उस क्रिस्टल बॉल के साथ देख लेता है फिर वह बॉल उसके बैग से निकाल लेता है और गाँव मे सभी को दिखाता है।

गाँव के सभी लोग उस बॉल से अपने लिए धन ,महल ,और सोना मांगते है। लेकिन उन सभी लोगो को बस एक इच्छा ही पूरा करने का मौका मिला, आखिर अंत: मे सबको और इच्छाओं को पूरा करने का अफ़सोस रहे गया उन्हें जो चाहिए था वो नई मिला।

वह सभी बहुत दुखी हुए फिर सबने श्याम से मदद मांगने की सोच और श्याम ने उनकी हालत देख कर बॉल से एक इच्छा माँगी की सबकुछ फिर पहेले जैसा हो जाये।

बॉल ने गाँव वालों के महल ,धन,सोना सब गायब करदिया और सबको पहेले जैसा संतुष्ट बना दिया ये सब देख लोगो ने श्याम को धन्यवाद बोला और उसकी सूचभुझ की तारीफ भी की।

हमे क्या सीख मिली

इस कहानी से हमे ये सीख मिलती है कि बहुत ज्यादा दौलत हमे खुशी नहीं दे सकती । 

9 . बातूनी कछुवे की कहानी : Short Story in hindi for Kids class 2

किसी गाँव के एक तालाब में एक कछुआ और दो हंस रहते थे ,कछुआ और हंस में बहुत गहरी दोस्ती थी ,कछुआ बहुत बातूनी था वह दिन भर हंस से बाते करता रहता था और शाम होते अपने अपने घर को चले जाते।

इस बार बारिश के मौसम में बारिश नहीं हुई और तालाब सूखने लगा अब कछुआ को ये चिंता हो गयी कि गर्मी आते आते ये तालाब और सूख जाएगा तबी उसने दोनों हंस से कहा कि तुम लोग आस पास जाकर कोई भरा तालाब की खोज करो ताकि हम सब वहाँ जाकर रहे सके। 

हंस ने एक पास के गाँव मे एक पानी से भरा तालाब देखा लिया था फिर उसने ये बात कछुआ को बतायी कछुआ ने हंस से कहा कि मुझे भी वहाँ ले चलो। हंस ने कहा ठीक है लेकिन हम तमे एक लकड़ी पर लटका कर जाएंगे और तमे हमसे वादा करना होगा कि तुम अपना मुँह पूरे रास्ते बंद ही रखोगे अगर तमने बोलने की कोसिस की तो टीम गिर जाओगे। कछुआ ने वादा किया ।

जब दोनों हंस लकड़ी के एक एक कोने को अपनी चोंच से दबा कर बीच मे कछुआ ने अपने मुँह से लकड़ी पकड़ी हुई थी अब वह उड़ने के लिए रेडी थे ,वे उड़ कर आसमान से जाने लगे ,कछुआ उड़ते वक़्त उनसे बात करना चाह रहा था लेकिन उसको हंस का वादा याद आया तभी बीच मे एक गाँव आया और गाँव के बच्चे बूढ़े सभी कछुए को देख चिल्लाने लगे कि देखो कछुआ आसमान में उड़ रहा है।

कछुआ को भी ये बात सुनाई देने लगी और वह नीचे देखने लगा फिर कछुआ से रह नही गया उसने हंस से बात करने के लिए अपना मुँह खोल वह कुछ कहने के लिए जैसे ही मुँह खोल तो उसके मुँह से लकड़ी छूट गयी और वह उसी गाँव मे जाकर गिर गया ।

ज्यादा ऊँचाई की वजह से कछुआ को बहुत चोट आई और वह कुछ देर बाद मार गया ।

हमे क्या सीख मिली

इस कहानी से हमे ये सीख मिलती है कि अगर बुद्धिमान व्यक्ति भी अपनी ज़बान और चंचलता पर काबू नही रख पाया तो वह भी मूर्ख कछुआ की तरह आसमान से गिर जाएगा।

10. 10 किलोमीटर दौड़ने वाले बच्चे की कहानी :Short Motivational Hindi Story.

उत्तराखंड के एक गाँव मे एक मेहरा परिवार रहता था मेहरा जी के दो पुत्र थे एक प्रदीप मेहरा और दूसरा संदीप मेहरा प्रदीप का सपना आर्मी में जाने का था और संदीप का एक अच्छी नौकरी करने का था। 

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एक दिन मेहरा जी का एक्सीडेंट हो जाता है उस एक्सीडेंट में मेहरा जी की मौत हो जाती है परिवार शोक में डूब जाता है कुछ दिन बाद माँ को गंभीर बीमारी लग जाती है तब दोनों लोग माँ को दादी को सौप कर दिल्ली काम करने चले जाते है।

दिल्ली में उनका एक दोस्त प्रदीप को बर्गर की शोरूम में काम दिल देता है 10 हजार महीने की सैलरी पर और बड़ा भाई वॉचमैन की नौकरी करता है ,बड़े भाई की नौकरी रात 11 से सुबह 7 बजे तक और छोटे भाई की सुबह 11 से 10 बजे तक थी इसलिए छोटा भाई सुबह शाम खाना बनानें का फैसला करता है ।

कई महीनों तक ऐसा चलता रहा और एक दिन प्रदीप मेहरा को अपना सपना याद आया उसने अपने फ़ौज में जाने के सपने को पूरा करने के लिए जो दौड़ शुरू की थी वह अब शहर आकर छूट गयी थी तब उसने एक आईडिया निकाला कि जब वह रात में काम से बस से लौटने की बाजए वह दौड़ कर घर तक आएगा।

प्रदीप मेहरा ने रोज रात में जॉब के बाद 10 किलोमीटर तक अपने घर का सफर तय करता था फिर खुद को साहस दिलाता की वह ये काम कर सकता है वह एक दिन फ़ौज में जरूर जाएगा।

एक दिन रात में प्रदीप अपने घर दौड़ कर जा रहा था तभी एक कार वाले ने उसे देखकर उससे बात की दौड़ते हुए उसका वीडियो भी बनाया और उसके बारे में जानना चाहा प्रदीप ने दौड़ते हुए बात की और उसको दौड़ने का कारण बताया ,तभी कार वाले ने उसे खाने और कार में छोड़ने का आफर भी दिया लेकिन उसने कहा वह घर जाकर खान बनाएगा वार्ना उसका बड़ा भाई भूखा रहे जाएगा । फिर कार वाले ने अपनी कार धीमी रख ली और प्रदीप मेहरा अपने घर चला गया।

कुछ दिन बाद प्रदीप मेहरा को पता चला कि वह इंटरनेट पर बहुत मशहूर हो गया उसकी वजह वह आदमी था जिसने उससे उस रात बात की और उसका वीडियो बनाया था । फिर कुछ दिन बाद एक रिटायर फौजी प्रदीप मेहरा के घर पर आए और उसके जज़्बे को देख कर उसको फौज के लिए ट्रेनिंग और उसकी माँ के इलाज के लिए पैसे तथा उसका ख़र्च भी उठाने को कहा ये सुनकर प्रदीप मेहरा बहुत खुश हुआ।

हमे क्या सीख मिली

इस कहानी से हमे ये सीख मिलती है कि हमे हिम्मत नही हरनी चाहिए बस कड़ी मेहनत और अपने लक्ष्य को पाने का साहस करना चाहिए ,मंजिल खुद ब खुद मिल जाएगी।

11. लकड़हारा और सोने की कुल्हाड़ी की कहानी : Moral Stories in Hindi in Short

एक समय की बात है जंगल के पास एक लकड़हारा रहता था वह जंगल की लकड़ी काट कर अपना जीवन गुजार करता था।एक दिन वह पेड़ पर बैठ लकड़ी काट रहा था तभी उसके हाथ से उसकी कुल्हाड़ी छूट कर नदी में गिर गयी।

उस नदी का बाहों इतना तेज था और साथ ही वह गहरी नदी थी उसने आस पास हाथ डालकर कुल्हाड़ी खोजी लेकिन उसे नही मिली उसने बहुत कोसिस की लेकिन कुल्हाड़ी कही नजर नहीं आयी फिर वह वहाँ बेठ कर रोने लगा उसके रोने की आवाज सुनकर पानी से एक जलपरी निकल आयी और उस लकड़हारे से पूछ क्यों रो रहे हो।

लकड़हारा जलपरी को देख आश्चर्य रहे गया लेकिन उसने अपनी सारी बात उस परी को बतायी तब परी ने उसको एक चांदी की कुल्हाड़ी पानी से निकाल कर दी तो लकड़हारे ने कहा ये उसकी कुल्हाड़ी नहीं है। परी ने दुबारा पानी से एक कुल्हाड़ी दी जो अब सोने की थी लकड़हारे ने फिर कहा ये भी उसकी कुल्हाड़ी नहीं है।

अबकी बार परी ने लकड़हारे को उसकी लोहे की कुल्हाड़ी खोज के दी तब लकड़हारे ने मुस्कुराते हुए कहा ये मेरी है । उसकी इस ईमानदारी को देख कर परी ने उसको चांदी और सोने की कुल्हाड़ी उपहार में भेंट की।

हमे क्या सीख मिली

इस कहानी से हमे ये सीख मिलती है कि ईमानदारी दुनिया की सबसे अच्छी नीति है और ईमानदारी से बहुत अनमोल चीज कोई नही।

12. दो मेंढकों की कहानी : Short Story Animals in hindi

एक बार की बात है जब बहुत से गाँव मे पानी का अकाल पड़ गया सभी जानवर पानी की तलाश में इधर उधर भटकने लगे। तभी एक मेंढकों का दल भी पानी की तलाश में भटक रहा था। तभी अचानक दल में से दो मेढ़क एक गहरे गड्ढे में गिर गए।

दल के सभी मेढ़क उन दोनों को गड्ढे में देख कर चिंतित थे ,गड्ढा कितना गहरा था ये देख कर मेढकों ने अपने दोनों दोस्तो से कहा की गहरे गड्ढे से बचने का कोई रास्ता नहीं।और कोशिस करने का भी कोई मतलब नहीं।

सभी मेढ़क उनदोनों को हतोत्साहित करते रहे क्योंकि वह दोनों मेढ़क गड्ढे से बाहर निकलने के लिए लगातार कूदने की कोशिश कर रहे थे।वे दोनों जितनी भी कोशिस करते लेकिन सफल नहीं हो पाते।

जल्द ही दोनों मेढ़क में से एक ने गड्ढे के बाहर खड़े मेढकों की बातों पर विश्वास करना चालू करदिया – की वह कभी गहरे गड्ढे से बाहर नहीं निकल पाएंगे। अंत मे थक हार कर उसकी मृत्यु हो गयी ।

लेकिन उसी गड्ढे का दूसरा मेढ़क अपनी कोशिस जारी रखे था उसने अंत इतनी ऊँची छलांग लगाई की वह गड्ढे से बाहर निकल आया ,ऊपर खड़े सारे मेढ़क देख कर चौंक गए और उस पर आश्चर्य किया कि उसने ये कैसे किया।

अंतर इतना है कि दूसरा वाला मेढ़क बहेरा था उसने बाहर खड़े मेढकों की बाते नही सुनी थी यानी किसी ने भी उससे ये नही कहा कि तू नही निकल सकता ,बहरे मेढ़क को कूदता देख उसे ये लगा कि लोग मेरा इंतिजार कर रहे और मुजे बाहर निकलने के लिए उत्साहित कर रहे । इस विशवास के साथ उसने अपनी हिम्मत जारी रखी और एक ऊंची छलांग लगा दी।

हमने क्या सीख 

इस कहानी से हमे ये सिख मिलती है की दूसरों की राय आपको तभी प्रभावित करेगी जब आप उसपर विश्वास करेंगे,बेहतर इसी में है कि आप खुद पर ज्यादा विश्वास कर ,यक़ीनन सफलता आपके कदम चूमेगी।

13. चींटी और कबूतर की कहानी : Short Moral Stories In Ant & Pigeon in hindi

गर्मियों के दिन थे और एक चींटी पानी की तलाश में इधर उधर घूम रही थी ,कुछ देर घूमने के बाद उसने डोर एक नदी देखी ,नदी देख वह बहुत खुश हो गयी फिर वह पानी पीने के लिए एक छोटी सी चट्टान पर चढ़ गई ,लेकिम वह फिसल कर नदी में गिर गयी।

वह जब डूब रही थी तो उसे एक कबूतर ने देख लिया । कबूतर पास के एक पेड़ पर ही बैठा था उसने चींटी की फौरन मदद की ,चींटी को डूबता देख कबूतर ने झट से एक पत्ता पानी मे गिरा दिया। इस तरह से चींटी की जान बच गयी और वह कबूतर की एहसान मंद हो गयी।

इस घटना के बाद चींटी और कबूतर दोनों अच्छे दोस्त बन गए।और उनके दिन खुशी से बीतने लगे लेकिन एक दिन जंगल मे एक शिकारी आया। उसने पेड़ पर बैठे उसी खूबसूरत कबूतर को देखा और फिर अपनी बंदूक से कबूतर पर निशाना साधने लगा।

लेकिन वही पास में वह चींटी भी मजूद थी वह ये सब देख रही थी चींटी फौरन शिकारी के पास गई और जोर से उसके पैर पे काट जिससे वह दर्द से चिल्लाने लगा और बंदूक भी गिरा दी। आवाज सुनकर कबूतर ने शिकारी को देख लिया ।

कबूतर को एहसास हुआ कि उसके साथ क्या हो सकता था और फिर कबूतर फौरन वह से उड़ गया । जब शिकारी चला गया तो कबूतर ने चींटी के पास आकर उसका धन्यवाद दिया। इस तरह दोनों एक दूसरे के काम आए।

क्या सीखा

इस कहानी से हमे ये सीख मिलती है कि नेक काम कभी बेकार नही जाता ,अच्छे काम करते रहिए वह पलट कर आपके लिए अच्छे साबित होंगे।

14 .मिटटी का फ्रिज : Short Stories new ideas in hindi

एक गांव में एक कुम्हार रहता था जो मिटटी के मटके बनाया करता था उस कुम्हार का एक बेटा सुरेश भी था जो अपने पिता के साथ मटके बनता था , सुरेश की माँ इस कुम्हार के काम से खुश नहीं थी वह सुरेश को अक्सर शहर में काम करने का दबाव डालती लेकिन सुरेश ये बोलता की उसकी ख़ुशी इसी काम में है। 

सुरेश की माँ चिंतित थी क्यूंकि जल्द ही सुरेश की शादी होने वाली थी और कुछ दिन बाद सुरेश की शादी के लिए घर सजा दिया गया गाँव वालो की उपस्थि में शादी हो गयी आभा नाम की लड़की से विवहा संपन्न हुआ। 

एक दिन सुरेश की माँ ने आभा से भी यही बात कही की उसका बेटा उसकी बात नहीं मानता वह शहर नहीं जाता काम के लिए उसने आभा को कहने को बोला , अगले दिन आभा सुरेश के पास गयी और उसने शहर जाने की बात कही लेकिन सुरेश मिटटी के मटके बनाने में खुसी जाहिर करते हुए माना करदिया।

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इस लगन को देख आभा समझ चुकी थी की उनके पति को ये काम बहुत पसंद है तभी आभा ने सुरेश के हाथो से बनाये एक लम्बे सुराई वाले मटके को देख उसने तारीफ की और कहा अगर आप इसे मेले में बेचेंगे तो बहुत ज्यादा पैसे मिलेंगे ये सुनकर सुरेश उत्साहित हुआ उसने और मटके बनाये और उस पर चित्रकारी करके उसको रंग दिया। 

फिर वह मेले ले जाकर मटके बेचने के लिए खड़ा हुआ उसके सारे मटके शाम तक बिकचुके थे उसने घर आकर अपने पिता को बहुत ज्यादा पैसे दिए उसी रात सुरेश ने आभा से पूछा की अगर हम मिटटी की फ्रिज बनाये यानी मिटटी की अलमारी जिसमे सब्ज़ी राखी जा सके जो बिना बिजली के चलती हो ,आभा ने बोलै क्या आप ऐसी अलमारी बना सकते फिर हम और जयदा पैसे कमा सकते है। 

अगले दिन सुरेश ने 4 मिटटी की अलमारी बनायीं और मेले में ले जाकर बेचना शुरू किया लोगो ने इस किस्म की अलमारी पहेली बार देखि उसकी सारी अलमारी बिक गयी एक रिपोर्टर ने उस अलमारी का फोटो खींच केर न्यूज़ में छापा अब सुरेश को अलमारी के लिए आर्डर आने लगे लोग उसके घर जाकर उससे अलमारी खरीदना चाहते थे। ये सब माँ को देख अपनी गलती का एहसास हुवा और अपनी बहु आभा को धन्यवाद दिया। 

हमने क्या सीखा 

इस कहानी से हमे ये सबक मिलता है की हमे अपने काम में फोकस करना चाहिए और हमे किसी के काम को और उत्साहित करना चाहिए ,नए नए आईडिया को भी काम में लाना चाहिए। 

15. जादूई टोकरी की कहानी

एक बार की बात है, जगदीश नाम का एक युवा लड़का अपने माता-पिता के साथ एक छोटे से गाँव में रहता था। जगदीश अपने शरारती स्वभाव के लिए जाना जाता था और हमेशा मुसीबत में पड़ने के तरीके ढूंढता था।  एक दिन, जंगल में खेलते समय, वह एक जादुई टोकरी पर ठोकर खा गया।  उस टोकरी के बारे में जाने के लिए जिज्ञासु होकर , उसने उस पर चढ़ने का फैसला किया, और उसके आश्चर्य के लिए, टोकरी उसे बादलों में एक विशाल महल तक ले गया।

Short story in hindi -jaduyi tokri

महल में, जगदीश का सामना एक विशालकाय व्यक्ति से हुआ जो सोने और कीमती रत्नों के खजाने की रखवाली कर रहा था। विशाल व्यक्ति ने दयालु होने के नाते, एक शर्त पर अपने खजाने को जगदीश के साथ साझा करने की पेशकश की – कि वह खजाने को कभी चोरी नहीं करेगा।  जगदीश बहुत खुश हुआ और उसने ये शर्त मान ली।

हालाँकि, लालच जगदीश पर हावी हो गया, और वह कुछ सोना चुराने के प्रलोभन का विरोध नहीं कर सका।  विशाल व्यक्ति ने उसे इस हरकत में पकड़ लिया और आग बबूला हो गया।  उसने जगदीश का पीछा किया, और अराजकता में, टोकरी नष्ट हो गया, और विशाल व्यक्ति टोकरी नष्ट होने की वजह से गिर गया। और अब जगदीश घर वापसी नही जा सकता था ।

अपने कार्यों के लिए दोषी महसूस करते हुए, जगदीश ने चोरी किए गए खजाने को महल को वापस कर दिया और वादा किया कि वह लालच को फिर कभी अपने ऊपर हावी नहीं होने देगा।

 तब से, जगदीश एक बदला हुआ व्यक्ति बन गया और उसकी ईमानदारी और सत्यनिष्ठा के लिए उसको उस खजाने वाले महल का राजा बना दिया गया ।  उसने सीखा कि अपनी बात रखना और लालच के प्रलोभन का विरोध करना महत्वपूर्ण है।

विशाल व्यक्ति ने कुछ महीनों बाद उसे एक टोकरी बना कर दी जिसके जरिये वह अपने गाँव वापस आ सका और साथ मे खजाना भी दिया । जगदीश ने वह खजाना पूरे गाँव मे बाटा 

इस कहानी से आपने क्या सीख

कहानी का नैतिक: ईमानदारी और सत्यनिष्ठा ऐसे गुण हैं जिनका हर समय पालन किया जाना चाहिए।  लालच क्षणिक सुख दे सकता है, लेकिन अंत में यह विनाश की ओर ले जात

16. चाँद की यात्रा ( Moon Travel)

 यहाँ आपके लिए एक छोटी जर्मन कहानी है:

एक बार टॉम नाम का एक छोटा लड़का था जो रोमांच का सपना देखता था।  एक रात उसने एक विशेष सपना देखा – उसने चाँद की यात्रा का सपना देखा। चांद के बारे में किताबों में पढ़ी और फिल्मों में देखी गई कहानियों से टॉम मुग्ध हुए और उन्होंने फैसला किया कि वह वास्तव में वहां की यात्रा करना चाहते हैं।

Chand ki yatra
Chand ki Yatra

बहुत जोश और रचनात्मकता के साथ, टॉम ने चाँद पर अपनी यात्रा की तैयारी शुरू कर दी।  उसने अपने दोस्तों की मदद से एक छोटा रॉकेट बनाया और उसे चमकीले रंगों में रंगा। फिर उन्होंने अपनी यात्रा की तैयारी के लिए चंद्रमा के बारे में जानकारी खोजी, नक्शों और तस्वीरों का अध्ययन किया।

बहुत लंबे समय के बाद एक दिन यह आखिरकार हुआ। टॉम अपने रॉकेट में चढ़ गए और आकाश में लॉन्च हो गए। यह कई चुनौतियों के साथ एक साहसिक यात्रा थी, लेकिन टॉम ने हार नहीं मानी।  उन्होंने तारों के माध्यम से उड़ान भरी और ग्रैविटी का अनुभव किया। उसने चाँद को करीब से देखा और उसकी सुंदरता से अभिभूत हो गया।

जब टॉम अंत में चंद्रमा पर उतरा, तो वह लुभावनी चंद्र परिदृश्य पर मोहित हो गया।  वह सैर के लिए गया, चाँद की चट्टानों को इकट्ठा किया और यहाँ तक कि अजीब पौधों की खोज की जो केवल चाँद पर मौजूद हैं।  उन्होंने चंद्रमा पर सूर्योदय और सूर्यास्त देखा और रहस्यमय दृश्यों से मंत्रमुग्ध हो गए।

टॉम कई दिनों तक चाँद पर रहे और उनके भुलाया न जसकने वाला रोमांच थे।  आखिरकार उन्होंने फैसला किया कि यह पृथ्वी पर लौटने का समय है। वह अपने रॉकेट में वापस आ गया और वापस पृथ्वी पर उड़ान भरी ।

 जब वह सुरक्षित रूप से घर वापस आया, तो परिवार और दोस्तों ने उसका उत्साहपूर्वक स्वागत किया। टॉम ने उन्हें चाँद पर अपने अनुभवों और उन सभी अद्भुत चीजों के बारे में बताया जो उन्होंने देखी और अनुभव की थीं।

 उस दिन से, टॉम को उनकी साहस और कल्पना की भावना के लिए प्रशंसा मिली। वह खुश था कि उसने चाँद पर जाने के अपने सपने को साकार कर लिया है और उसका चंद्र साहसिक कार्य हमेशा उसके दिल में एक क़ीमती स्मृति बना रहेगा।

इस कहानी से क्या सीख मिलती है

और इसलिए टॉम की चंद्रमा की अविश्वसनीय यात्रा की कहानी समाप्त हो गई, यह दिखाते हुए कि सपने सच हो सकते हैं यदि आप उन पर विश्वास करते हैं और उनके लिए कड़ी मेहनत करते हैं।

17. खोया हुआ बटुवा ( The Lost Wallet)

एक बार की बात है, एक हलचल भरे मुस्लिम बाजार में अली नाम का एक लड़का स्कूल के बाद घर जा रहा था।  जब वह एक व्यस्त सड़क से गुजर रहा था, उसने जमीन पर एक छोटा सा बटुआ पड़ा देखा।  उसने उसे उठाया और खोला तो उसमें काफी रकम और कुछ पहचान पत्र मिले।

The Lost wallet short story

अली जानता था कि बटुआ किसी का है और उसे उसके सही मालिक को लौटाने की जिम्मेदारी का एहसास हुआ।  उन्होंने इस्लाम की उन शिक्षाओं को याद किया जो ईमानदारी और सत्यनिष्ठा पर जोर देती हैं।  एक पल की हिचकिचाहट के बिना, अली ने मालिक को खोजने और बटुआ वापस करने का फैसला किया।

उसने इधर-उधर देखा, लेकिन कोई ऐसा नहीं मिला, जो खोया हुआ बटुआ ढूंढ रहा हो।  अली ने स्थानीय मस्जिद में जाकर इमाम से मदद मांगने का फैसला किया।  वह मस्जिद में गया और इमाम को स्थिति के बारे में बताया, जिसने अली की ईमानदारी के लिए उसकी सराहना की और मालिक का पता लगाने में उसकी मदद करने के लिए तैयार हो गया।

इमाम और अली ने बटुए में पहचान पत्रों की सावधानीपूर्वक जांच की और एक फोन नंबर पाया। उन्होंने नंबर पर कॉल किया और Mr. Ahmad नाम के एक व्यक्ति ने फोन उठाया।  अली ने समझाया कि उसे Mr. अहमद का बटुआ मिल गया है और वह उसे वापस करना चाहता है।

अहमद बहुत खुश और बेहद आभारी थे।  उन्होंने समझाया कि उन्हें अभी एहसास हुआ था कि उनका बटुआ खो गया था और वह पैसे और महत्वपूर्ण कार्डों के बारे में चिंतित थे।  उसने बटुआ लेने के लिए अली से मस्जिद में मिलने की व्यवस्था की।

 जब अहमद मस्जिद पहुंचे, तो अली जैसे युवा लड़के को इतनी ईमानदारी और सत्यनिष्ठा दिखाते हुए देखकर वे चकित रह गए।  उसने अली को बहुत धन्यवाद दिया और उसे उसके अच्छे काम के लिए इनाम देने की पेशकश की।  हालांकि, अली ने यह कहते हुए विनम्रतापूर्वक इनाम को अस्वीकार कर दिया कि वह केवल इस्लाम की शिक्षाओं का पालन कर रहा था और जो सही था वह कर रहा था।

अहमद को गहरा स्पर्श हुआ और उन्होंने आभार व्यक्त करने पर जोर दिया।  उसने अली को अपने घर बुलाया और उसे अपने परिवार से मिलवाया।  वे सभी अली की सत्यनिष्ठा और ईमानदारी की प्रशंसा करते थे और अली को अपने कार्यों पर गर्व महसूस होता था।

 उस दिन से, अली और मिस्टर अहमद अच्छे दोस्त बन गए, और मिस्टर अहमद अली के गुरु बन गए, जिन्होंने अली को उनकी पढ़ाई और करियर में मार्गदर्शन दिया।  अली के ईमानदारी के कार्य ने उसे न केवल सही काम करने का आनंद दिया बल्कि आजीवन आशीर्वाद और मित्रता भी प्रदान की।

अली की ईमानदारी और ईमानदारी की कहानी समुदाय में फैल गई और वह दूसरों के लिए एक आदर्श बन गया।  उन्होंने इस्लाम की शिक्षाओं का पालन करना जारी रखा, हमेशा अपने कार्यों में ईमानदार और ईमानदार होने का प्रयास किया।

अली के खोए हुए बटुए की कहानी और उसे उसके असली मालिक को लौटाने का उसका निर्णय समुदाय के लिए एक मूल्यवान सबक बन गया, जिसमें ईमानदारी, अखंडता और दैनिक जीवन में इस्लामी शिक्षाओं का पालन करने पर जोर दिया गया।  यह सभी के लिए एक अनुस्मारक के रूप में कार्य करता है कि एक मुसलमान होने का सही सार महान मूल्यों को धारण करना और ईमानदारी और धार्मिकता के साथ आचरण करना

एक मुर्गा और लोमड़ी। 

एक बार एक लोमड़ी जंगल में घूम रही थी। उसे भूख लगी थी और उसने खाने की तलाश में जंगल में घूमना शुरू कर दिया। उसने जंगल में एक मुर्गा देखा, जो एक अंडा दे रहा था। लोमड़ी ने सोचा कि वह मुर्गा खा जाएगी और अंडा भी मिल जाएगा। लेकिन उसने सोचा कि अगली बार क्या होगा जब वह फिर भूख लगेगी। वह अंडा छोड़ दिया और चल दी।


उसी दिन, लोमड़ी ने एक और मुर्गा देखा जो चोटी से गिर गया था। वह बहुत चोटील हो गया था और उसे ठंड भी लग रही थी। लोमड़ी ने सोचा कि वह मुर्गा खा जाएगी। लेकिन इस बार उसने सोचा कि यदि वह उस मुर्गे को थोड़ा घर ले जाती है और उसकी देखभाल करती है, तो वह बाद में बदले में शायद कुछ मदद पा सकती है। उसने मुर्गे को घर ले जाकर उसे दूध दिया और उसकी देखभाल की। धीरे-धीरे मुर्गा ठीक हो गया और उसने उसे आजीविका के लिए आवश्यक अनुसंधान करना सिखाया। 

कुछ समय बाद, उस लोमड़ी को एक बार फिर भूख लगी और वह फिर से जंगल में घूमने लगी। इस बार उसे अपनी मदद करने के लिए उस मुर्गे की याद आयी। वह उस मुर्गे को ढूंढने लगी और उसे ढूंढते-ढूंढते वह एक ख़तरनाक शेर के सामने आ गई। लोमड़ी बहुत घबराई थी, लेकिन वह याद रखती थी कि वह अपने कर्तव्य का पालन करना चाहती थी। 

वह शेर के सामने खड़ी हो गई और शेर के आगे अपने आप को बचाने के लिए लड़ने की जगह, उसने शेर को एक प्रश्न पूछा। उसने पूछा, “आपको यदि एक मुर्गा और एक लोमड़ी दोनों के बीच चुनना होता है, तो आप क्या चुनेंगे?” शेर ने बड़ी सोच समझकर उत्तर दिया, “मैं एक मुर्गा चुनूंगा, क्योंकि उसका शिकार मेरे लिए ज्यादा महत्वपूर्ण होगा।” लोमड़ी ने शेर को धन्यवाद कहा और चली गई। यह उसे दिखाई दिया कि अपने कर्तव्य का पालन करना बहुत महत्वपूर्ण होता है, भले ही वह कितनी भी मुश्किल हो। 

लोमड़ी ने उस मुर्गे को ढूंढ लिया और उसने उसे बताया कि उसकी मदद से उसने अपना कर्तव्य पूरा कर लिया है। मुर्गा बहुत खुश था कि उसने लोमड़ी की मदद की थी और उसकी मदद से वह एक अच्छी काम की गई थी। 

यह कहानी हमें यह बताती है कि हमें अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए, भले ही वह कितना भी मुश्किल हो। हमें हमेशा अपनी जिम्मेदारियों को समझना चाहिए और उन्हें पूरा करने के लिए प्रयास करना चाहिए। इसके अलावा, हमें यह भी सीख मिलती है कि एक अच्छा दोस्त हमेशा हमारी मदद करता है और हमें सहायता करता है।

बच्चों को कहानी सुनना कैसा लगता है ?

क्या आपको पता है बच्चों को कहानी सुनना क्यों इतना ज्यादा पसंद है इसकी वजह है कि उनको तरह तरह के करैक्टर देखने को मिलते है और तरह तरह की आवाजें भी सुनने को मिलती है जिस वजह से उनको कहानी में बहुग मज़ा आता है ।

  • लेकिन अगर वही कहानी बिना कैरेक्टर और एक ही आवाज में सुनाई जाए तो वह बोर हो जाएंगे। इसलिए आपको अपने बच्चों को कहानियां सुनाने के लिए खुद को क्रेटिविटी में ढालना होगा। जैसे कि आपको तरह तरह के साउंड जो एनिमल के होते है या फिर उनके सामने चित्र रखने होंगे।
  • एक बार जब आप बच्चों को कहानी सुना देते हो तो अंत मे उनसे कुछ सवाल भी करे उनसे पूछिए की कहानी से क्या सीखा ,उन्हें कहानी में छुपी शिक्षा और सीख के बारे में भी बतईए।
  • कभी कभी कुछ कहानियां हमारे जीवन से मेल खाती है जिनसे हम बजी कुछ सीख सकते है।
  • जब एक बार आप कहानी सुनाते है तो दुबारा बच्चों को खुद पढ़ने की आदत भी डालते रहे।जिससे उसका इंटरेस्ट बड़े।

मुझे उम्मीद है आपको हमारी Short Stories in hindi लेख पसंद आया होगा ,हम इसमें और भी कहानियां add करते रहेंगे ,हम कुछ लोकल मोटिवेशन कहानियां भी लाएंगे और कुछ देश विदेश की कहानियां भी लाएंगे जो कि real story in hindi  होगी और हम कुछ short stories horror भी लाएंगे। 

Short Story in hindi लेख को आप अपने परिवार या बच्चों में ज्यादा से ज्यादा शेयर करिए।

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FAQs

क्या बच्चों के लिए Short Story in hindi में है ?

जी हा ,हम बच्चों के लिए short story motivational ,inspiration ,learning पर आधारित होती है।

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