Merchants and genies hindi short story – व्यापारी और जिन्न शॉर्ट स्टोरी
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एक बार, एक धनी व्यापारी अपना काम समाप्त करके घर लौटते समय एक झरने के पास रुक गया। वह अपने घोड़ से उतरा और एक वृक्ष के नीचे बैठ गया। उसने एक छोटी थैली निकाली जिसमें उसने कुछ बिस्कुट और खजूर रखे हुए थे। अपना भोजन समाप्त करने के बाद, जब वह झरने में अपने हाथ और मुँह धो रहा था, तो उसने देखा कि एक बहुत बड़ा जिन्न, गुस्से से भरा, हाथ में खंजर लिए हुए उसकी ओर आ रहा है।
“मैं तुम्हें मार डालूँगा,” जिन्न चिल्लाया, “जैसे तुमने मेरे बेटे को मार डाला है।”
व्यापारी ने कहा, “किंतु मैं आपके बेटे को कैसे मार सकता हूँ? मैं उसे नहीं जानता, और मैंने उसे कभी देखा भी नहीं है।”
मैं तुम्हें मार डालूँगा।” Merchants and genies hindi short story
जिन्न ने कहा, “जब तुम यहाँ पहुँचे तो क्या तुम जमीन पर नहीं बैठे थे? क्या तुमने अपनी थैली से कुछ खजूर नहीं
निकालीं? उन्हें खाते समय क्या तुमने गुठलियों को नहीं फेंका था? जब तुम उन्हें फेंक रहे थे, तब मेरा बेटा पास से गुजरा और उनमें से एक उसकी आँख में लग गई और वह मर गया। इसलिए मैं तुम्हें मार डालूँगा।”
व्यापारी ने क्षमा माँगते हुए कहा कि उसने जानबूझकर जिन्न के बेटे को नहीं मारा। वह अपने पत्नी और बच्चों की खातिर रोया-गिड़गिड़ाया। लेकिन जिन्न पर कोई असर नहीं हुआ, उसने अपने उठे हुए खंजर के साथ, तब तक प्रतीक्षा की जब तक कि वह चुप नहीं हो गया।
शहरज़ाद ने कहा कहानी समाप्त नही हुई।
इस बिंदु पर, शहरज़ाद, यह देखते हुए कि अब दिन निकल आया था, रुक गई और कहा, “कहानी समाप्त नहीं हुई। आगे तो और भी अद्भुत है।”
सुल्तान कहानी को ध्यान से सुन रहा था। उसने कहा, “जिन्न और व्यापारी की कहानी समाप्त करो। मैं अंत सुनने के लिए उत्सुक हूँ।” अतः शहरजाद ने कहानी जारी रखी।
जिन्न और व्यापारी के बीच समझौता
जब व्यापारी ने देखा कि जिन्न उसका सिर काटने के लिए दृढ है. तो उसने विनती की, “मैं आपसे मुझे घर जाने देने, अपनी पत्नी और बच्चों से विदा लेने, और अपनी वसीयत करने के लिए एक व्यापारी में वर्ष का समय देने की प्रार्थना करता हूँ। जब मैं यह कर लूँगा, तो मैं वादा करता हूँ कि मैं यहीं वापस आ जाऊँगा, और आप मुझे मार डालना।”लगा।
जब इस पर जिन्न उसे झरने के पास छोड़कर गायब हो गया। व्यापारी अपने घोड़े पर चढ़ा और घर चला गया। घर पहुँचकर, वह फूट-फूट कर रोया और अपनी पत्नी और बच्चों को बताया कि उसके और जिन्न के बीच क्या हुआ। अगले दिन से व्यापारी अपने कार्यों को निपटाने लगा।
व्यापारी द्वारा जिन्न की प्रतीक्षा
वर्ष जल्द ही बीत गया, वह जाने के लिए बाध्य था। दुःख में डूबा हुआ वह झरने के पास पहुँचा और जिन्न की प्रतीक्षा करने लगा। जब वह प्रतीक्षा कर रहा था, तो एक वृद्ध व्यक्ति जो कि एक हिरणी के साथ जा रहा था, उसकी ओर आया। उस व्यक्ति ने व्यापारी से पूछा कि वह वहाँ क्यों आया था। व्यापारी ने उसे जिन्न के बारे में बताया। वह व्यक्ति हैरानी से सुनता रहा।
यह बड़ा अद्भुत मामला है। मुझे जिन्न के साथ आपकी भेंट का साक्षी बनना चाहिए।” इतना कहते हुए वह व्यापारी के पास बैठ गया। जल्द ही एक और बूढ़ा व्यक्ति, जिसके साथ दो काले कुत्ते थे, व्यापारी की कहानी सुनकर उनमें शामिल हो गया।
बूढ़े की कहानी और जिन्न का खंजर
थोड़ी देर के बाद, गाढ़े धुएँ से, जिन्न हाथ में खंजर लेका प्रकट हुआ। वह व्यापारी के पास पहुँचा और उसे हाथ से पकड़त हुए कहा, “उठो और मुझे तुम्हें मारने दो क्योंकि तुमने मेरे बेटे को मार डाला।”
व्यापारी और दोनों बूढ़े रोने लगे। फिर हिरणी के साथ आया वृद्ध व्यक्ति जिन्न के चरणों में गिर गया और कहा, “ओ जिन्नों के राजकुमार, मैं आपसे विनती करता हूँ कि आप शांत हो जाओ और मेरी कहानी सुनो। यदि आप उसे इस व्यापारी के जीवन से अधिक अद्भुत पाते हैं, जिसे आप मारने जा रहे हैं, तो मुझे आशा है कि आप उसकी सजा को माफ कर देंगे। ” जिन्न ने कुछ देर सोचा, और बोला, “बहुत अच्छा, मैं इस बात से सहमत हूँ।” फिर बूढ़े ने कहानी सुनाई।
नोट :अब उस बूढ़े ने क्या कहानी सुनाई ये आप जान सकते है नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके उस कहानी को पढ़े
Hindi Short story