Best hindi short story -सुलतान शहरयार और उनकी चतुर पत्नी.
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बहुत समय पहले , एक समृद्ध और वैभवशाली राज्य था जो फारस से भारत तक फैला हुआ था। उस राज्य के सुल्तान के दो युवा पुत्र थे, जिनका नाम शहरयार और शाहजमन था। सुल्तान की मृत्यु के बाद, शहरयार को राजगद्दी मिली और शाहजमन, जो अपने बड़े भाई की भाँति एक गुणी राजकुमार था, समरकंद का सुल्तान बन गया, जो एक विशाल क्षेत्र था और फारसी साम्राज्य के क्षेत्र के अंतर्गत आता था।
कुछ दिनों बाद, सुल्तान शहरयार ने एक खूबसूरत लड़की से विवाह किया और उसे अपनी सुल्ताना बनाया। वह उससे बहुत प्यार करता था और हमेशा उसकी देखभाल करता था। लेकिन वह उसे उतना प्यार नहीं करती थी।
वफादार पत्नी या बदमिज़ाज सुलतान ( hindi Short story )
एक दिन, सुल्तान ने पाया कि उसकी पत्नी उसके प्रति बिल्कुल भी वफादार नहीं थी। वह हैरान था और यह जानकर दंग रह गया कि वह एक धूर्त और चरित्रहीन महिला थी। बहुत सोच-विचार के बाद उसने अपनी पत्नी के लिए आजीवन कारावास की घोषणा की। इस आदेश का पालन करने का काम उसने अपने वज़ीर को दिया।
इस दुःखद घटना ने सुल्तान शहरयार को बदल दिया। वह इतना विकल हो गया कि चिड़चिड़ा और बदमिज़ाज हो गया। वह इतना आहत हो गया कि उसमें पूरे महिला समुदाय के लिए घृणा पैदा हो गई और उसने एक अजीब और क्रूर प्रथा आरंभ कर दी। प्रति दिन वह एक लड़की से विवाह करता था और अगली सुबह अपने वज़ीर के जरिए उसे मरवा देता था। वज़ीर को बहुत बुरा लगता, लेकिन उसे सुल्तान के आदेशों का पालन करना पड़ता था।
वज़ीर की चतुर बेटी ( hindi Short story )
राज्य के वज़ीर की दो बेटियाँ थीं, जिनका नाम शहरज़ाद और दीनारज़ाद था। शहरज़ाद न केवल सुंदर थी, बल्कि बहुत चतुर भी थी। एक दिन उसने वज़ीर से कहा, “पिताजी, सुल्तान अजीब तरह से व्यवहार कर रहे हैं। उनकी क्रूरता हमारे पूरे समाज को आतंकित कर रही है।”
“तुम ठीक कह रही हो बेटी। लेकिन इसके विषय में कोई कुछ नहीं कर सकता। सभी असहाय हैं,” वज़ीर दुःखी स्वर में बोला।
“पिताजी यदि आप मुझे अनुमति दें, तो मुझे लगता है कि मैं इस क्रूरतापूर्ण प्रथा को समाप्त कर सकती हूँ,” शहरज़ाद ने कहा।
“लेकिन यह कैसे संभव हो सकता है?” वज़ीर ने प्रसन्नता और उत्साह के साथ पूछा।
शहरज़ाद ने हिचकिचाते हुए कहा, “पिताजी, यह केवल तभी किया जा सकता है जब मैं सुल्तान से विवाह करूँ।”
शहरज़ाद और सुलतान का विवाह ( hindi Short story )
वज़ीर दंग रह गया। अपनी आँखें फैलाकर, वह प्रायः अविश्वासपूर्वक अपनी बेटी पर चिल्लाया, “शहरज़ाद, क्या आप जानती हैं कि आप किस विषय में बात कर रही हैं? क्या आप उस अंजाम के बारे में नहीं जानती हैं जो सुल्तान की नवविवाहिता पत्नी का होता है? मेरी प्यारी बेटी को मारना मेरे लिए असंभव होगा।”
लेकिन शहरज़ाद आशा से भरी थी। उसने अपने पिता को अपनी सफलता का भरोसा दिलाया और अपनी ज़िद को मनवाने के लिए उन पर बहुत दबाव डाला।
अंत में, वज़ीर सुल्तान शहरयार के पास गया और उसे बताया कि उसकी बड़ी बेटी उसकी पत्नी बनना चाहती है। सुल्तान बेहद हैरान था। उसने अपने वज़ीर की बेटी की सुंदरता के विषय में सुन रखा था। उसने हैरानी से सोचा, “एक सुंदर लड़की मुझसे विवाह करने और अपनी इच्छा से असामयिक मृत्यु को कैसे चुन सकती है?” जिज्ञासा से बाध्य होकर वह उससे विवाह करने के लिए सहमत हो गया।
शहरजाद और दीनारज़ाद की जुगलबंदी ( hindi Short story )
अगले दिन, सुल्तान और शहरज़ाद का विवाह बहुत धूमधाम के साथ सम्पन्न हुआ। जब दुल्हन अपने परिवार से विदाई ले रही थी, तो उसने अपने पिता से अनुरोध किया कि वह उसकी छोटी बहन दीनारज़ाद को उसके विवाह के उपहार के रूप में सुल्तान के महल में जाने दें। वज़ीर झिझकते हुए सहमत हो गया।
शाही महल में, जैसे ही रात होने लगी, शहरजाद ने दीनारजाद से कहा, “बहन, मैं सुल्तान से विनती करती हूँ कि तुम्हें आज रात मेरे साथ सोने की अनुमति दें। तुम सुबह जल्दी उठकर मुझे भी जगा देना। तब तुम मुझसे एक कहानी सुनाने के लिए कहना।”
दीनारज़ाद अपनी बहन की बात ध्यान से सुन रही थी लेकिन कुछ भी समझ नहीं पा रही थी।
शहरज़ाद का आखिरी दिन ( hindi Short story )
कुछ समय बाद, जब सुल्तान रात में विश्राम करने के लिए आया, तो शहरज़ाद ने मधुर स्वर में कहा, “महाराज, मैं आपसे एक निवेदन करना चाहती हूँ। मैं चाहती हूँ कि आप मेरी बहन को आज रात मेरे साथ सोने की अनुमति दें क्योंकि यह मेरे जीवन की अंतिम रात होगी।” सुल्तान उसके अनुरोध पर सहमत हो गया और दोनों बहनों को अकेला छोड़ दिया।
दीनारज़ाद अपनी बहन के निर्देशों के अनुसार, सुबह जल्दी उठी। फिर उसने शहरज़ाद को जगाया और कहा, “मेरी प्यारी बहन, मैं चाहती हूँ कि तुम मुझे उन अनेक मनमोहक कहानियों में से एक सुनाओ, जो तुम्हें दिल से याद हों। यह तुम्हारा आखिरी दिन होगा और मैं इसे हमेशा याद रखना चाहती हूँ।”
शहरज़ाद की कहानियां ( hindi Short story )
सुल्तान, जो करीब ही था और उनकी बातचीत को स्पष्ट रूप से सुन सकता था, उसमें ‘कहानी’ के उल्लेख पर उत्सुकता जागी। उसने शहरज़ाद से पूछा कि क्या उसे कहानियाँ आती हैं।
शहरजाद ने जवाब दिया, “हाँ, महाराज, मुझे बहुत सारी कहानियाँ आती हैं। कृपया मुझे मेरी बहन को एक अंतिम कहानी सुनाने की अनुमति दें।” एक बार फिर सुल्तान उसके अनुरोध पर सहमत हो गया और चतुर शहरज़ाद ने उन्हें कहानी सुनानी आरंभ की।
कहानी इतनी रोचक थी कि सुल्तान शहरयार यह जानने से पहले अपनी पत्नी को मार नहीं सकता था कि उसमें आगे क्या हुआ। और शहरज़ाद कहानियाँ सुनाती रही, जो एक हज़ार एक रातों तक चलती रहीं।
नोट : इस तरह से एक के बाद एक कहानी शुरू हुई और जिसका अंत हजारों रातों तक चलता रहा और सुलतान शहरयार मारने की बात को भूल चुके थे। वह कहानी क्या थी नीचे लिस्ट देखते है.
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इस कहानी से क्या सीखा ( hindi Short story )
इस कहानी से ये सीख मिलती है की कोई भी काम असंभव नही है। अगर आप किसी की आदत को बदलना चाहते है तो आप कुछ नए तरीके भी खोज सकते है।
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