Digital Arrest Scam 2025 : डिजिटल एरेस्ट स्कैम को पहचानें और सुरक्षित रहें
Digital Arrest Scam 2025 : भारत डिजिटल युग में तेजी से आगे बढ़ रहा है, लेकिन इसके साथ ही साइबर अपराधों में भी वृद्धि हो रही है। इनमें से एक खतरनाक और नई रणनीति है डिजिटल एरेस्ट स्कैम। इस स्कैम के तहत लोग फर्जी कॉल के जरिए ठगी के शिकार बनते हैं, जहां कॉलर खुद को पुलिस, CBI, या जज जैसे सरकारी अधिकारी के रूप में पेश करता है।
इस लेख में हम समझेंगे कि डिजिटल एरेस्ट स्कैम क्या है, इसे पहचानने के तरीके, और इस प्रकार की धोखाधड़ी से बचने के लिए आपको क्या कदम उठाने चाहिए।
Digital Arrest Scam 2025 क्या है?
Digital Arrest Scam 2025 एरेस्ट स्कैम एक नई प्रकार की साइबर ठगी है जिसमें स्कैमर आपको कॉल करके खुद को सरकारी अधिकारी बताता है। यह कॉलर आपको डराने के लिए फर्जी वीडियो कॉल, सरकारी पहचान पत्र या आदेश दिखा सकता है। कॉलर अक्सर तुरंत कार्रवाई या जुर्माने की मांग करता है और आपको भुगतान करने के लिए मजबूर करता है।
यह स्कैमर्स की एक योजना होती है, जिसमें आपकी व्यक्तिगत जानकारी का दुरुपयोग करके आपके बैंक अकाउंट से पैसे निकालने का प्रयास किया जाता है।
डिजिटल एरेस्ट स्कैम को कैसे पहचाने?
1. अचानक और अप्रत्याशित कॉल:
कोई भी सरकारी अधिकारी बिना सूचना के आपको वीडियो कॉल नहीं करेगा। अगर ऐसा कॉल आए, तो सतर्क हो जाएं।
2. तुरंत कार्रवाई की मांग:
स्कैमर आपको डरा-धमकाकर कहेगा कि अगर आपने तुरंत पैसे नहीं दिए तो आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
3. वीडियो कॉल के जरिए फर्जी दस्तावेज दिखाना:
स्कैमर वीडियो कॉल पर फर्जी पहचान पत्र या वॉरंट दिखाने की कोशिश करेगा।
4. पैसे मांगना:
असली सरकारी अधिकारी कभी भी वीडियो कॉल पर पैसे की मांग नहीं करेगा।
5. गलत भाषा और टोन:
स्कैमर अक्सर पेशेवर भाषा का उपयोग नहीं करते और उनकी टोन आक्रामक हो सकती है।
स्कैम कॉल आने पर क्या करें?
1. कॉल को नजरअंदाज करें:
अगर आपको कोई संदिग्ध कॉल आता है, तो उसे तुरंत काट दें।
2. पुलिस या साइबर सेल को रिपोर्ट करें:
ऐसी कॉल की सूचना 📞 1930 हेल्पलाइन नंबर या cybercrime.gov.in पर दें।
3. व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें:
कभी भी OTP, बैंक डिटेल्स या अन्य संवेदनशील जानकारी कॉलर के साथ साझा न करें।
4. परिवार और दोस्तों को सतर्क करें:
इस तरह की घटनाओं के बारे में अपने जानने वालों को बताएं ताकि वे सतर्क रहें।
5. संदिग्ध नंबर को ब्लॉक करें:
अगर आपको किसी नंबर से बार-बार कॉल आ रही है, तो उसे ब्लॉक कर दें।
Digital Arrest Scam के लिए 5 महत्वपूर्ण कदम
1. सशक्त पासवर्ड का उपयोग करें:
अपने ऑनलाइन खातों को सुरक्षित रखने के लिए मजबूत और अलग-अलग पासवर्ड का उपयोग करें।
2. 2-फैक्टर ऑथेंटिकेशन चालू करें:
यह आपके ऑनलाइन खातों को अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करता है।
3. साइबर फ्रॉड की खबरें पढ़ें:
खुद को अपडेट रखें कि किस प्रकार के स्कैम चल रहे हैं।
4. साइबर सुरक्षा जागरूकता अभियान में भाग लें:
सरकारी और निजी संगठनों द्वारा चलाए जा रहे जागरूकता कार्यक्रमों में हिस्सा लें।
5. फिशिंग ईमेल और लिंक से बचें:
किसी भी संदिग्ध ईमेल या लिंक पर क्लिक करने से बचें।
साइबर क्राइम को रिपोर्ट करना क्यों जरूरी है?
अगर हम सभी ऐसी घटनाओं की रिपोर्ट करेंगे, तो साइबर अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करना आसान होगा। इससे न केवल आपको न्याय मिलेगा, बल्कि अन्य लोगों को भी इस प्रकार की ठगी से बचाया जा सकेगा।
आप इन घटनाओं की रिपोर्ट करने के लिए इन प्लेटफॉर्म्स का उपयोग कर सकते हैं:
📞 1930 हेल्पलाइन नंबर: तुरंत साइबर अपराधों की रिपोर्ट करने के लिए।
🌐 cybercrime.gov.in: ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने के लिए।
Digital Arrest Scam 2025 : सुरक्षित भारत का सपना
2025 में हम सभी का लक्ष्य होना चाहिए कि साइबर ठगी के मामलों को खत्म किया जाए। यह तभी संभव है जब हम सतर्क रहें, साइबर अपराधों को रिपोर्ट करें, और अन्य लोगों को भी जागरूक करें।
अंत में:Digital Arrest Scam
डिजिटल युग में सावधानी और सतर्कता ही आपकी सबसे बड़ी सुरक्षा है। अगर आप या आपके जानने वाले इस प्रकार की धोखाधड़ी का शिकार होते हैं, तो घबराएं नहीं, बल्कि तुरंत कार्रवाई करें।
Digital Arrest Scam me आपका योगदान:
अगर आप इस पहल में शामिल होना चाहते हैं, तो #DigitalArrest लिखकर हमें टैग करें। साथ ही, इस जानकारी को अपने दोस्तों और परिवार के साथ साझा करें।
एक सतर्क नागरिक बनें और 2025 में साइबर ठगी को अलविदा कहें!
डिजिटल एरेस्ट स्कैम एक उभरता हुआ साइबर अपराध है, जिसमें धोखेबाज सरकारी अधिकारियों का रूप धारण कर वीडियो कॉल के माध्यम से लोगों को धमकाते हैं और उनसे धन उगाही करते हैं।
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हाल के समय में, भारत में इस प्रकार के कई बड़े मामले सामने आए हैं।
1. एस.पी. ओसवाल का मामला (सितंबर 2024):
वर्धमान ग्रुप के अध्यक्ष, एस.पी. ओसवाल, को धोखेबाजों ने $830,000 (लगभग ₹6.8 करोड़) की ठगी का शिकार बनाया। धोखेबाजों ने खुद को केंद्रीय जांच एजेंसी के अधिकारी बताकर ओसवाल पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगाए और उन्हें एक फर्जी सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में शामिल किया, जहां भारत के मुख्य न्यायाधीश की भूमिका भी निभाई गई। इस सुनवाई के दौरान, ओसवाल को अपने धन को एक “गुप्त निगरानी खाते” में स्थानांतरित करने के लिए मजबूर किया गया। पुलिस ने इस मामले में $600,000 की राशि बरामद की और दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया।
2. हैदराबाद का मामला (दिसंबर 2024):
हैदराबाद में, 67 वर्षीय महिला और उनकी दो बेटियों को 17 दिनों तक “डिजिटल गिरफ्तारी” में रखा गया। धोखेबाजों ने खुद को राष्ट्रीय एजेंसी के जांचकर्ता बताकर उन्हें वीडियो कॉल के माध्यम से निगरानी में रखा और उनसे ₹5.5 करोड़ की ठगी की। धोखेबाजों ने फर्जी दस्तावेजों और वीडियो का उपयोग करके उन्हें डराया और धन हस्तांतरित करने के लिए मजबूर किया।
3. दिल्ली का मामला (नवंबर 2024):
दिल्ली में, 72 वर्षीय सेवानिवृत्त इंजीनियर को धोखेबाजों ने ₹10 करोड़ की ठगी का शिकार बनाया। धोखेबाजों ने पार्सल कंपनी के कर्मचारी और पुलिस अधिकारी बनकर उन्हें वीडियो कॉल के माध्यम से धमकाया और उनके परिवार को ड्रग तस्करी मामले में फंसाने की धमकी देकर धन हस्तांतरित करने के लिए मजबूर किया।
4. मुंबई का मामला (नवंबर 2024):
मुंबई में, एक आईटी कंपनी के वरिष्ठ कार्यकारी को धोखेबाजों ने ₹6.29 करोड़ की ठगी का शिकार बनाया। धोखेबाजों ने सीबीआई अधिकारी बनकर उन्हें “डिजिटल गिरफ्तारी” में रखा और धन हस्तांतरित करने के लिए मजबूर किया।
इन मामलों से स्पष्ट होता है कि डिजिटल एरेस्ट स्कैम एक गंभीर समस्या बनती जा रही है, जिसमें उच्च प्रोफ़ाइल व्यक्तियों को निशाना बनाया जा रहा है। सभी नागरिकों को सतर्क रहना चाहिए और किसी भी संदिग्ध कॉल या वीडियो कॉल के मामले में तुरंत साइबर अपराध हेल्पलाइन 1930 या cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करनी चाहिए।